Wednesday, April 6, 2011
शायरी प्यार मोहब्बत
उस को मेरा हलका सा एहसास तो है
बे-दर्द सही वह मेरी हमराज तो है
वह आये या ना आये मेरे पास लेकिन
शिद्दत से मुझे उसका इंतजार तो है
अभी नही तो क्या हुआ मिल जायेगी कभी
मेरे दिलमे उससे मिलने की आस तो है
प्यार की गवाही मेरे आंसू से ना मांग
बरसती नही आंखें मगर दिल उदास तो है
इंतझार शायरी
घांव इतना गहरा है बयां क्या करे
हम खुद निशाना बन गये अब वार क्या करे
जान निकल गयी मगर खुली रही आंखें
अब इससे ज्यादा उनका इंतझार क्या करे
दर्द शायरी
उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हम
उसके ग़मोको हंसींसे सजा रहे थे हम
जलाया उसी दिए ने मेरा हाथ
जिसकी लो को हवासे बचा रहे थे हम
हिन्दी कविता
शेरो शायरी
ये आरजू...
ये आरजू नहीं की किसी को भुलाए हम
ना तमन्ना की किसी को रुलाए हम
पर दुआ है रब से इतनी की
जिसको जितना याद करते है उसको उतना याद आये हम...
ना तमन्ना की किसी को रुलाए हम
पर दुआ है रब से इतनी की
जिसको जितना याद करते है उसको उतना याद आये हम...
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