Wednesday, April 6, 2011

दर्द शायरी

Dard Shayari

उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हम
उसके ग़मोको हंसींसे सजा रहे थे हम
जलाया उसी दिए ने मेरा हाथ
जिसकी लो को हवासे बचा रहे थे हम

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